सूर्य नमस्कार योग
सूर्य को नमस्कार (सूर्य नमस्कार) उस समय मौजूद सौर ऊर्जा का बेहतर उपयोग करने के लिए, सुबह सूर्योदय के समय की जाने वाली योग स्थितियों का एक प्राचीन क्रम है।
यह संस्कृत के "सूर्य" से आया है जिसका अर्थ है "सूर्य", और "नमस्कार" जिसका अर्थ है "अभिवादन"।
प्राणायाम (साँस लेने के व्यायाम), मंत्र (मुखर ध्वनि), मुद्रा (प्रतीकात्मक इशारों) और चक्रों (मानव शरीर के ऊर्जा केंद्र) पर विशेष ध्यान देकर अनुक्रम को पूरी तरह से एक साथ किया जाता है।
इस क्रम का उद्देश्य प्रारंभ में सूर्य के प्रति भक्ति है। सूर्य (सूर्य) वास्तव में प्राचीन काल से ही अपनी ऊर्जावान किरणों से जीवन उत्पन्न करने वाले के रूप में पहचाना जाता है जो मनुष्य और प्रकृति को फलता-फूलता है।
लेकिन उद्देश्य केवल भक्तिमय और प्रतीकात्मक नहीं है, यह भौतिक भी है। दरअसल, सूर्य नमस्कार के अभ्यास में मांसपेशियों को ढीला करने, खींचने और लचीला बनाने का काम होता है। साथ ही सूर्य नमस्कार आंतरिक अंगों की मालिश करता है और श्वास को चौड़ा करता है। योग गुरु हमेशा सुबह "सूर्य को नमस्कार" करने की सलाह देते हैं।
यह स्वस्थ व्यायाम पूरे दिन आपके शरीर में ऊर्जा और तंदुरूस्ती की भावना को बहाल करेगा।
यह एप्लिकेशन आपके बचाव में आ सकता है, प्रत्येक मुद्रा के लिए चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका और इसे सर्वोत्तम तरीके से कैसे प्राप्त करें।
1. प्रणामासन - प्रार्थना की स्थिति (साँस छोड़ना)
2. हस्त उत्तानासन - उठी हुई मुद्रा (साँस लेना)
3 पादहस्तासन - हाथ से पैर की मुद्रा (साँस छोड़ना)
4 अश्व संचालनासन - घुड़सवारी की स्थिति (साँस लेना)
5 अधो मुख श्वानासन - पीछे की ओर मुंह करके श्वान मुद्रा (साँस छोड़ना)
6 अष्टांग नमस्कार - शरीर के आठ अंगों से अभिवादन (निलंबन)
7 भुजंगासन - सांप या कोबरा मुद्रा (साँस लेना)
8 अधो मुख श्वानासन - पीछे की ओर मुंह करके श्वान मुद्रा (साँस छोड़ना)
9 अश्व संचालनासन - घुड़सवारी की स्थिति (साँस लेना)
10 पादहस्तासन - हाथ से पैर की मुद्रा (साँस छोड़ना)
11 हस्त उत्तानासन - उठी हुई मुद्रा (साँस लेना)
12 प्रणामासन - प्रार्थना की स्थिति (साँस छोड़ना)
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@ ग्राफिक डिजाइनर लुका रानाल्डो